"सबसे अच्छी सहेली की कहानी"
"सबसे अच्छी सहेली की कहानी–"सबसे अच्छी सहेली की कहानी" कैसे एक बेजान चीज़ हमारी जान बन जाती है, इसी सफर को मैं इस कविता में प्रस्तुत कर रही हूँ। हमारे रोज़मर्रा के जीवन में उसका होना, हमारी भावनाओं का हिस्सा बन जाता है।"
कविता
Jayashree Thitme
10/31/20241 min read
सबसे अच्छी सहेली की कहानी.....
हमारी सबसे अच्छी सहेली कौन है? पता है!
हमारी पर्स।
कोई उसे थैली कहता है,
तो कोई उसे बटुआ।
या किसी के लिए वो बैग।
एक औरत के श्रृंगार से लेकर उसके राज़दां बनने तक,
सबके लिए वह हमेशा उसका साथ देती है।
वह उसे आत्मनिर्भर तो बनाती है,
पर उसे यकीन भी दिलाती है कि इस सफर में वह हमेशा उसके साथ है।
वह ऐसी हमसफर है,
जिसका एहसास ही उसे सजने संवरने का बहाना दिलाती है।
कोई भी पहनावा हो, वो सबको अपनाती है।
सहेली जो मानती है।
"मैंने जो लिखा है, वह आपको कैसा लगा? आपके विचार, सुझाव, या अनुभव जानने की उत्सुकता है। अगर कोई कन्फ्यूजन या सवाल हैं, तो कमेंट में ज़रूर बताएं—आपकी राय मेरे लिए महत्वपूर्ण है!"
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एक दिन, जब मेरी माँ बहुत दिनों के बाद मेरे घर आईं, तो उन्होंने अपने छोटे पर्स को खोला। जैसे ही उन्होंने उसे खोला, चमत्कार हुआ! इडली, चटनी, भाजी और कई तरह के खाने के सामान एक के बाद एक निकलते गए। मैं हैरान थी, “इतनी छोटी पर्स में इतना सामान कैसे समा गया?” माँ की आंखों में एक चमक आई और उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “यह खास है। सभी को पसंद आता है। तुम्हारी मौसी ने भी मुझसे मांगी थी, लेकिन मुझे ऐसे वापस मिली ही नहीं।”
उनकी बातों ने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि पर्स सिर्फ एक बेजान चीज़ नहीं है; यह हमारी ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल हमारे कपड़ों का सहारा बनता है, बल्कि हमें आत्मनिर्भरता और सामर्थ्य का अहसास भी कराता है। माँ ने बताया कि वह इसे हमेशा अपने साथ रखती हैं, क्योंकि इसमें जरूरी चीज़ें आसानी से समा जाती हैं।
मुझे याद आया कि मेरी बहन भी अक्सर पर्स के बारे में बातें करती है, जैसे कि उसे कैसे डिज़ाइन का पर्स चाहिए या उसमें कितनी चीजें समा सकती हैं। उसकी बातें सुनकर मुझे एहसास हुआ कि पर्स हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण होती है।
माँ के चेहरे पर जो खुशी मैंने देखी, वह मेरे मन में एक गहरी भावना छोड़ गई।
इसी अनुभव ने मुझे प्रेरित किया और मैंने इस कविता को लिखा है, जो हमारी सबसे अच्छी सहेली, यानी पर्स, की कहानी को बयां करती है। यह कविता हमें याद दिलाती है कि साधारण चीजें भी हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण होती हैं।
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